रेलवे
टेंडर सिस्टम (Railway Tender System)
भारतीय रेल के संदर्भ में भण्डार संहिता के
पैरा ३२३ के अनुसार सुस्थापित निर्माताओ / आपूर्तिकर्ताओ से निविदायें जारी करके
प्रतिस्पर्धी कोटेशन प्राप्त की जानी चाहिए मद की प्रकृति, आपूर्ति का स्रोत, कार्य का श्रेत्र तथा अन्य तथ्यों
के आधार पर विभिन्न प्रकार की टेण्डर व्यवस्था अपनायी जाती है. किन्ही विशेष परिस्थितियों में जहां उचित कारण हों तो, महाप्रबन्धक इस हेतु
निबिदायें
नहीं आंमत्रित करने का फैसला ले सकते है । वर्तमान में टेण्डर व्यव्स्था के
अंर्तगत टेण्डर जारी करने की सक्षमताएं आगामी पैरा में बतायी गयी हैं इससे पूर्व
विभिन्न प्रकार के टेण्डर के बारे में जान लेना आवश्यक है, यें निम्नलिखित है-
1.
एकल निविदा SINGLE - ज़ब केवल एक ही फर्म से निविदा आमंत्रित की जाय तो इसे एकल
निविदा पद्धति कहते हैं । प्राय यह पद्धति एकाधिकृत वस्तुओं के मामले में अपनाई
जाती है । कई बार अत्याधिक आवश्यकता अथवा आपातकालीन स्थितियों में यह विधि अपनाइ
जाती है । इस पद्धति में भी प्रापण
करने से प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाती है । इसलिए क्रय अधिकारी को अधिक सजकता से
कार्य करना पडता है ।
2.
. साप्ताहिक बुलेटिन निविदा WEEKLY BULLETIN TENDER- इस पद्धति में भंडार नियंत्रक
द्वारा प्रति सप्ताह एक साप्ताहिक बुलेटिन जारी किया जाता है । जिसमें मदों की
पूर्ण विवरण, विशिष्टी, मात्रा तथा सुपुर्दगी का स्थान इत्यादि विवरण निविदा संख्या
और खुलने की तारीख के साथ दिया जाता हैं । यह् बुलेटिन सभी पंजीकृत फर्मो को जो
बुलेटिन के लिए शुल्क दिए हैं, को भेजा जाता है । जिन मदों
का मूल्य ५ लाख रूपये से कम होता है उन्हें इस बुलेटिन में डाला जाता है । बुलेटिन
की छपाई और वितरण के लिए एक समय सारणी बनाई गई है जिसका कड़ाई से पालन किया जाता है
। स्वाभाविक तौर पर यह पद्धति एक प्रकार से सीमित निविदा पद्धति है परंतु इसका
प्रसारण सभी पंजीकृत फर्मों को होने
से प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है ।
3.
सीमित निविदा पद्धति limited tender
method- इसमें सीमित संख्या में
आपूर्तिकर्त्ताओं से निविदाएँ आमंत्रित की जाती हैं । इसे भी अनुमानित मूल्य ५ लाख
रूपये से कम के मामले में अपनाया जाता है । यह मूल्य सीमा संरक्षा मूल्यों के
मामले में महाप्रबन्धक की अनुमति से बढाई जा सकती है । सीमित निविदा के मामले में
यह आवश्यक है कि इस हेतु उचित कारण मौजूद हो कि खुली निविदाएँ आमंत्रित करना लोक
हित तथा खर्च घटाने के पक्ष में न हो । सीमित निविदाएँ उन सभी फर्मों को भेजी जानी
चाहिये जो पंजीकृत सूची में हो तथा पिछ्ले सफल आपूर्तिकर्ता को भी अवश्य भेजी जानी
चाहिये । आमंत्रित निविदाओं की संख्या ८ से १० के बीच रखी जानी चाहिये । इस हेतु
आवश्यक है कि पंजीकृत फर्में काफी अधिक हो तो उनसे बारीबारी से निविदाएँ मँगाई
जानी चाहिये । यह भी आवश्यक है कि पंजीकृत फर्मो की अधतन सूची उपलब्ध रहे । जब
अंपजीकृत फर्म को आंमत्रित किया जाना आवश्यक हो तो इस हेतु अगले उपरि अधिकारी
(न्यूनतम कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) की अनुमति ली जानी चाहिये. इस प्रकार यह पद्धति
वंही अपनाई जानी चाहिये जहाँ सीमित स्त्रोत हो अथवा खुली निविदा करने में खर्च
अधिक आता हो
4.
खुली निविदा open tender- जब आम जनता को विजापन जारी करके निविदाएँ आमंत्रित की जाती
है तो इसे खुली निविदा पद्धति कहते है यह व्यवस्था प्राय ५ लाख से अधिक मूल्य के सभी मामलों में अपनाई जाती है परंतु
कई बार कम मूल्य वाले मामले में भी अपनाई जाती है जब आपूर्ति के स्रोत के बारे में
जानकारी न हो । इसमें निविदाएँ न केवल पंजीकृत ठेकेदारों से आंमत्रित की जाती है
बल्कि अन्य व्यवसायिक संस्थाएं जो सूची में न हो उन्हें पूछ्ताछ करने पर और
निर्धारित शुल्क का भुगतान करने पर दी जाती हैं । ऐसी संस्था को आदेश देने से
पूर्व क्रय अधिकारी को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वह संस्था उचित तरीके से
ठेके को कार्यांवित करने में सक्षम हो । खुली निविदा के मामले में निविदा सूचना का
ठीक ठीक प्रकाशन अत्यंत महत्वपूर्ण है निविदा सूचना में मद का संक्षिप्त विवरण, विशिष्ट, सुपुर्दगी का स्थान, बयाना राशि, निरीक्षण की शर्ते तथा निविदा
फर्म का मूल्य आदि दिया जाना आवश्यक हैं । इन निविदाओं में निविदा की वैधता ९० दिन
रखी जाती हैं तथा एक उचित शर्त होती है कि निवेदित मात्रा को ३०% तक घटाया एवं
बढाया जा सकता है । निविदा सूचना का प्रकाशन जनसम्पर्क अधिकारी के माध्यम से
प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाने चाहिये । इसके अतिरिक्त इस सूचना को इंडियन ट्रेड जनरल में प्रकाशित किया जाना
चाहिये और स्थानीय भाषा के समाचार पत्रों में भी इसे दिया जाता है ।
5.
वेश्विक निविदा
global tender- यह पद्धति तब अपनाई जाती है
जब देश में प्रतिस्पर्धा कम हो या मद देश में उपलब्ध न हो या कम मात्रा में उपलब्ध
हो । इसमें निबिदा का प्रकाशन अंतराष्ट्रीय स्तर किया जाता है तथा निविदा सूचना
विभिन्न राजदूतावास तथा व्यापार आयोगो को भी भेजी जाती है इन निविदाओ में क्योंकि
बाहर देशो से भी निविदाएँ आती है अंत मूल्यों को स्थानीय करैंसी में परिवर्तित
करने के नियम , विनिमय दरों का आधार, निरीक्षण करने वाली संस्था, लैटर ऑफ के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था तथा समान परिवहन
का प्रकार आदि का अतिरिक्त विवरण भी देना आवश्यक होता है ।
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