विनियोग लेखा
(Appropriation
Accounts )
संसद द्वारा अंतिम रूप से स्वीकृत
अनुदान और राष्ट्रपति द्वारा अंतिम रूप से मंजूर किये गये विनियोग से वास्तविक
खर्च की तुलना करते हुये , लोक लेखा समिति को प्रस्तुत करने के
लिये फार्म संख्या F - 403 में जो विवरण तैयार किया जाता है ,
उसे
ही विनियोग लेखा कहते है ।
✍️विनियोग
लेखा की चर्चा वित संहिता भाग - I अध्याय - IV पैरा संख्या - 402
में किया गया है । विनियोग लेखा वास्तव में दो भागों में विभाजित होता है । भाग -
एक , समीक्षा होता है जैसे - रेलवे के वित्तीय परिणाम , बदले
गये वर्गीकरण के फार्म आदि । भाग - दो , विनियोग लेखों की विस्तृत जानकारी होती
है ।
✍️रल
प्रशासन द्वारा उपर्युक्त फार्म संख्या 403 - F में विनियोग
लेखा तैयार किया जाता है इसमें अंतिम रूप से स्वीकृत बजट एवं वास्तविक खर्च के
आकंडे वही होते है जो वित्तिय वर्ष मार्च माह बंद करते समय रेलवे बोर्ड को भेजा
गया था ।
✍️विनियोग
लेखा विवरण में कॉलम - 4 अधिक / बचत के लिये होता है , जिसमें
राजस्व खर्च के लिये 5 % या पचास लाख रूपये ( दोनों में से जो
भी कम हो ) से अधिक खर्च / बचत के लिये एवं पूंजीगत खर्च मॉग कमांक - 16 के
लिये 10 % या सौ लाख रूपये दोनों में से जो भी कम हो ) से अधिक खर्च / बचत के
लिये स्पष्टीकरण देना आवश्यक है । विवरण में आंकडे हजारों में दर्शायें जाते है ।
✍️विनियोग
लेखों को क्षेत्रिय रेलवे स्तर पर महाप्रबंधक और वित्त सलाहकार एवं मुख्य
लेखाधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किये जाते है ।
✍️विनियोग
लेखों के साथ विभिन्न प्रकार के अनुसूचियाँ संलग्न कर लेखा परीक्षा अधिकारी को
ऑडिट करने के लिये भेजा जाता है । लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा विनियोग लेखों के
संबंध में चाही गयी सूचना शीध रेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है । विनियोग
लेखों की ऑडिटेड प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित तिथि तक या उससे पहले बोर्ड
को भेज दिया जाता है एवं रेलवे बोर्ड द्वारा विनियोग लेखों के संबंध में किसी भी
प्रकार के चाही गयी सूचना शीध उपलब्ध करवाया जाता है ।
✍️विनियोग लेखों को रेलवे बोर्ड को भेजने की निर्धारित तिथि की सूचना ,
रेलवे
बोर्ड द्वारा निर्देशक रेल लेखा परीक्षा अधिकारी से परामर्श करने के उपरान्त
प्रत्येक रेल प्रशासन एवं सांविधिक लेखा परीक्षा अधिकारी को प्रत्येक वर्ष भेजा
जाता है । रेलवे बोर्ड में समस्त रेलों से प्राप्त विनियोग लेखों का संकलन किया
जाता है एवं उस पर भारत सरकार के प्रमुख सचिव के रूप में रेल मंत्रालय के अध्यक्ष
द्धारा एवं रेलवे बोर्ड एवं वित्तिय मामलों में भारत सरकार ( रेल मंत्रालय ) के
सचिव के रूप में रेलों के वित्त आयुक्त , दोनों ही हस्ताक्षर करते है.
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